अर्थराइटिस यानी गठिया रोग का शुरुआती स्तर में ही पता लगाने के लिए ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने नया तरीका ईजाद करने का दावा किया है। इसकी मदद से ब्लड टेस्ट के जरिये इस बीमारी का प्रारंभ में ही पता लगाया जा सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने यह सफलता हासिल की है। नई जांच में जोड़ों से खून के नमूने लिए जाते हैं।
अर्थराइटिस होने की स्थिति में ऑक्सीडेशन, नाइट्रेशन और ग्लाइकेशन की समस्या सामने आती है। ब्लड टेस्ट से इसका आसानी से पता लग जाता है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि शुरुआती दौर में ही इसका पता लगने पर इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। मालूम हो कि खानपान और रहन-सहन में बदलाव के चलते अर्थराइटिस की समस्या बढ़ती जा रही है। खासकर बढ़ती उम्र में यह खतरनाक रूप धारण कर लेती है। नई विधि से रोक लगाई जा सकेगी।