जोड़ों की बीमारी करे दूर– जमीन पर बैठकर भोजन करने से कूल्हे के जोड़, घुटनो व टखनों में लचीलापन आ जाता है। लचीलेपन के कारण जोड़ों की चिकनाई बनी रहती है जिससे आगे चलकर हमे चलने फिरने या बैठने में दिक्कत नहीं आती। जमीन पर बैठकर खाने से अर्थरिटिस व ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचा जा सकता है।
दिमाग को रखे स्वस्थ – जब हम जमीन पर बैठकर खाना खाते है तो आलथी पालथी मारने बैठते है यह एक तरह आसन की मुद्रा बन जाती है। इस आसान को हम सुखासन कहते है। सुखासन व्यक्ति को तनाव मुक्त रखता है और दिमाग को भी चुस्त दुरुस्त रखता है।
शरीर को लचीला बनाए – जब हम जमीन पर बैठकर भोजन करते है तो हमारी पीठ व पेट की मॉस पेशियों में खिचाव रहता है। नियमित रूप से जमीन पर भोजन करने से हमारा शरीर लचीला बन जाता है और उठने बैठने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती।
हार्ट रखे मजबूत – जमीन पर बैठकर खाना खाने से रक्त का संचार हमारे शरीर में आसानी से होता है जिससे हार्ट अटैक की संभावना नहीं रहती। जमीन पर बैठकर खाने से खून का संचार दिल तक आसानी से पहुंच जाता है।
पाचन क्रिया में सहायक – जमीन पर पालथी मारकर बैठने में पैरों को क्रॉस करके बैठा जाता है यह योगासन की मुद्रा है। इस मुद्रा में बैठने से खाना अच्छे से पच्छ जाता है।
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