क्या आपको पता है डार्क चॉकलेट भूख कंट्रोल करने के साथ-साथ वजन घटाने में भी करता है मदद

चॉकलेट खाने में तो टेस्टी होता ही है यह मूड को भी बूस्ट कर देता है। ज्यादातर चॉकलेट में वसा और चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। क्या वसा और चीनी की मात्रा अधिक होने के कारण ये हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होगा? क्या कुछ चॉकलेट सच में हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं? कई स्टडी से यह पता चला हैं कि चॉकलेट हमारे फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैं।तो आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।

पोषक तत्व से भरपूर चॉकलेट :-

चॉकलेट विशेष रूप से कच्ची या अनप्रोसेस्ड बीन या कोको से बनाई जाती हैं। इसमें कई अलग-अलग सक्रिय यौगिक होते हैं, जो शरीर के भीतर औषधीय प्रभाव पैदा कर सकते हैं। किसी भी फ़ूड की तरह चॉकलेट भी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स – प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है। चॉकलेट में वसा ज्यादातर कोकोआ बटर से आता है। यह समान मात्रा में ओलिक एसिड, स्टीयरिक और पामिटिक एसिड से बनी होती है। ओलिक एसिड हार्ट हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट है, जो ऑलिव आयल में भी पाया जाता है। इसमें विटामिन बी12 के अलावा, कॉपर, मैंगनीज, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है।

क्या डार्क चॉकलेट है अधिक फायदेमंद :-

एंटीऑक्सीडेंट्स एंड रिडॉक्स सिगनलिंग जर्नल एडेड या आर्टिफिशियल शुगर वाले चॉकलेट हेल्थ को नुकशान पंहुचा सकते हैं । चॉकलेट की कुछ पोषण संबंधी कमियों के बावजूद इसे मॉडरेशन के साथ आहार में शामिल करने से कुछ स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। एडेड या आर्टिफिशियल शुगर वाले चॉकलेट की बजाय डार्क चॉकलेट लेना आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है।

जानिए डार्क चॉकलेट के 5 फायदे

डार्क चॉकलेट हार्ट हेल्थ के लिए है फायदेमंद :

कोको फ्लेवेनॉल्स से भरपूर होता है। यह फ्लेवोनोइड्स की एक श्रेणी है, जिसमें पॉलीफेनोल के रूप में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। फ्लेवनॉल्स विशेष रूप से पौधों में पाया जाने वाला एक नेचुरल कंपाउंड है, जो ब्लड फ्लो में सुधार और ब्लड प्रेशर को कम करने में हमारी मदद करता है। लो प्रोसेस्ड चॉकलेट चुनने से फ्लेवोनोइड के संभावित लाभ अधिक मिल सकते हैं। आमतौर पर डार्क चॉकलेट हमारे लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।

डार्क चॉकलेट मूड बूस्ट करता है :-

कोको और चॉकलेट में फ्लेवनॉल्स और मिथाइलक्सैन्थिन मौजूद होते हैं। ये मूड को अच्छा बनाने में हमारी मदद करते हैं। चॉकलेट खाने वाले व्यक्तियों में उन लोगों की तुलना में डिप्रेशन के लक्षणों का जोखिम 57% कम पाया गया है, जो इसे पूरी तरह खाने से बचते हैं।

डार्क चॉकलेट ब्रेन पावर बढ़ाता है :-

जिन लोगो को नींद की समस्या थी, उन्हें डार्क चॉकलेट देने से हेल्दी स्लीप में मदद मिली। जिन लोगों ने डार्क चॉकलेट खाया, उनका मेमोरी फंक्शन भी मजबूत हुआ।

कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है :-

कुछ चॉकलेट ऐसे भी है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हमारी मदद करते हैं। एक स्टडी में लोगों को 28 दिनों तक 30 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन कराया गया। जिस समूह के लोगों की चॉकलेट में लाइकोपीन था, उनमन कुल कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम पाया गया। उनमें ट्राइग्लिसराइड्स में भी कमी देखी गई।

डार्क चॉकलेट से वजन घटाने में मिल सकती है मदद :-

कुछ एक्सपर्ट ने वजन घटाने के उपकरण के रूप में चॉकलेट की मदद पर भी तलाश की। इसके कुछ सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अध्ययन में डार्क चॉकलेट खाने और तृप्ति की भावनाओं के बीच एक संबंध पाया गया। जितना अधिक भरा हुआ महसूस किया जायेगा, कुल मिलाकर उतना ही कम खाया भी जायेगा। इससे कम कैलोरी भी गेन हो पाएगी। एक दूसरे अध्ययन में चॉकलेट खाने वालों का बॉडी मास इंडेक्स चॉकलेट न खाने वालों की तुलना में कम पाया गया।

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