दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हाथरस गैंगरेप की पीड़िता की मौत के बाद लोगों में गुस्सा भरा हुआ है। इसी बीच मंगलवार देर रात पुलिस युवती का शव लेकर हाथरस जनपद के बुलगाड़ी गांव पहुंची। लेकिन ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे। ऐसे में पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद परिजनों की गैर मौजूदगी में गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल तैनात किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पीड़िता का शव रात करीब 12:45 हाथरस पहुंचा था। जब एंबुलेंस को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोककर और एंबुलेंस के आगे लेटकर आक्रोश व्यक्त किया। यही नहीं, इस दौरान एसडीएम पर परिजनों के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया गया।
दरअसल, पीड़िता के परिजन रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं करवाना चाहते थे, जबकि पुलिस तुरंत अंतिम संस्कार कराना चाहती थी। इसके बाद आधी रात के बाद करीब 2:40 बजे बिना किसी रीति रिवाज के और परिजनों की गैरमौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
निर्दयता की हद है ये।
जिस समय सरकार को संवेदनशील होना चाहिए उस समय सरकार ने निर्दयता की सारी सीमाएं तोड़ दी। https://t.co/MtDZXZXnvo— UP Congress (@INCUttarPradesh) September 29, 2020
कांग्रेस और आप ने कहा-कायराना हरकत
यूपी पुलिस की इस हरकत को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कायराना करार दिया हैं। कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा ‘जिस समय सरकार को संवेदनशील होना चाहिए उस समय सरकार ने निर्दयता की सारी सीमाएं तोड़ दी।’ वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी अंतिम संस्कार का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर डाला है।
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